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ज्यादा सोचने (Overthinking) वाले व्यक्ति एक बार जरूर पढ़ें

 

   ज्यादा सोचना (Overthinking) 

ज्यादा मत सोचो मेरे दोस्त

यहां कुछ भी स्थाई नहीं है।

क्या आप भी हमेशा सोचते रहते हैं?  सोते- जागते, उठते-बैठते  सोचते रहते हैं । कभी अपने बारे में, कभी अपने परिवार के बारे में, कभी रिश्तेदार के बारे में तो कभी अपने पड़ोसियों के बारे में,  कुछ ना कुछ सोचते ही रहते है।  

 

 

कभी Positive तो कभी Negative। कभी सोचते सोचते अमीर बन जाते हैं तो कभी गरीब बनकर उदास हो जाता है।

 

सोच को दो भागों में बांट सकते हैं एक वह जो आपकी अपनी सोच है दूसरा वास्तविक सोच या Sciencific सोच।

 

सभी लोग अपने अपने ढंग से सोचते हैं । एक गरीब सोचता है कि हम ज्यादा गरीब बाकी लोग हमसे अमीर है।

 

 जो अमीर होता है वह सोचता है मैं कम अमीर हूं बाकी अमीर हमसे ज्यादा अमीर है। स्कूल में कुछ टीचर यह सोचता है कि हम दूसरे टीचर से ज्यादा योग्य और बच्चे को अच्छी तरह पढ़ाते हैं।

 

 

 किसी कार्यालय में कुछ कर्मचारी सोचते हैं हम दूसरे कर्मचारी से ज्यादा मेहनती और ईमानदार है।

 

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उपरोक्त सभी सोच आपके मानने वाले सोच है ना कि Scientific। यदि किसी लड़का को किसी लड़की ने प्यार में धोखा दिया और वह लड़का सोच रहा है कि दुनिया में सभी लड़की बेवफा होती है तो यह उसका अपना सोच है ना कि Scientific। 

 

यदि आपका पैसा शेयर मार्केट (Stock Market) में  डूब जाता है और आप सोच रहे हैं कि शेयर मार्केट में पैसा डूबता ही डूबता है तो यह आपकी अपनी सोच है ना कि Scientific।

 

 अगर आपको किसी दुकानदार ने धोखा दिया और आप सोच रहे हैं कि सभी व्यापारी धोखा देते हैं और मुनाफा कमाते हैं तो यह आपकी अपनी सोच हो सकती है ना की Scientific.

 

 

दोस्तों सोचना बहुत ही आसान काम है । इसमें कुछ भी नहीं करना पड़ता है । 

 

केवल सोचते जाओ, सोचते जाओ। लेकिन जब उस सोच को वास्तविक जीवन में उतारने के लिए मेहनत करना पड़ता है तब पता चलता है सोचने और करने में क्या अंतर है। 

 

एक व्यक्ति रोज सिगरेट पीने वक्त  सोचता है कि कल से सिगरेट पीना छोड़ देंगे क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए  बहुत  हानिकारक  है । सोचते सोचते सालों बीत गया अभी तक सिगरेट पीना नहीं छूटा। 

 

एक लड़का स्कूल छोड़कर सिनेमा  जाता था। जब हुआ 9th में था तो उसने सोचा कि अगले साल दसवीं का बोर्ड होगा इसलिए अब वह सिनेमा नहीं जाएगा। आज वह स्नातक पास करने वाला है लेकिन फिल्म देखना नहीं छोड़ा।

 

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हम सोचते सोचते कब Overthinking के शिकार हो जाते हैं हमें पता ही नहीं चलता है । यह जो हमारा खुद का मानने वाली सोच है इसका कभी अंत नहीं होता और हम सोचते ही चले जाते हैं ‌ जिसके कारण हम Overthinking  से ग्रस्त हो जाते हैं।

Overthinking कितने प्रकार के होते हैं

 

अब जो मैं बता रहा हूं उसे ध्यान से पढ़िए।  मेडिकल साइंस में Overthinking को दो भागों में बांटा गया है।

(1) Problem Related Overthinking 

(2) Solutions Related Overthinking

 

(1) Problem Related Overthinking

 

सबसे ज्यादा लोग इसी तरह के Overthinking करते हैं। इस प्रकार के Overthinking में हम केवल समस्या के बारे में सोच सोच कर उस समस्या को बड़ा कर देते हैं। कोई समस्या तिल के समान हो उसे हम तार कर देते हैं। 

 

 

यदि आपको पैसे की तंगी है और आप सोचेंगे कि 10 साल पहले यदि मैं यह कोर्स कर लिया होता तो आज यह परेशानी नहीं आती या 5 साल पहले मेरे पिताजी ने यह काम मुझे करने दिया होता तो आज यह दिक्कत नहीं आती। यही Problem Related Overthinking है।

 

ठीक इसी प्रकार यदि शादीशुदा महिला सोचती है कि यदि आज से 10 साल पहले मेरी शादी उस लड़के से हो गया होता तो आज मैं विदेश में मौज करती या 5 साल पहले मेरी सासू मां ने मुझे बुरा भला कहा था अगर अब कहेगी तो मैं भी जवाब दूंगी। उस समय मैंने कुछ भी नहीं कहा था। 

 

तो इस प्रकार की Overthinking,  Problem Related Overthinking है जो हमें Past में ले जाता है और  हमें मानसिक तनाव के अलावा और कुछ भी नहीं देता। 

 

यह Overthinking अगर हम एक बार शुरू करते हैं तो होता ही चला जाता है। एक के बाद दूसरा, दूसरा के बाद फिर तीसरा रुकता नहीं चलता ही रहता है, जब तक आपका mood off   ना हो जाए।

 

(2) Solutions Related Overthinking

इस प्रकार के Overthinking में हम समस्या पर नहीं बल्कि समाधान  पर ध्यान लगाते हैं। 

 

हम सोचते हैं कि अभी जो वर्तमान में समस्या है उसका समाधान क्या हो सकता है । Solution के विभिन्न विकल्पों पर विचार करते हैं ।

 

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अगर आपको पैसे की तंगी है और आप सोच रहे हैं कोई  Part Time Job शुरू करे या कोई Part Time Business शुरू करे  जिससे पैसे की समस्या दूर हो जाएगी तो यह Solutions Related Overthinking हैं।

 

 ठीक इसी प्रकार यदि किसी शादीशुदा महिला की विदेशी लड़का से शादी नहीं हुआ और अब वह विदेश जाने की सोच रहा है और पैसे का जुगाड़ कर रही हैं तो यह Solutions Related Overthinking है।

 

 

यदि आप भी Problem Related Overthinking करते हैं तो सावधान हो जाइए। यह आपको बर्बाद कर देगा। 

 

Medical Sciences की एक रिसर्च के अनुसार ज्यादा सोचने वाले व्यक्ति का IQ 60 होता है जबकि कम सोचने वाला व्यक्ति का IQ 180  होता है । इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में कब आप Overthinking के शिकार हो जाते हैं आपको पता ही नहीं चलता है

 

Problems Related Overthinking आपके दिमाग के रचनात्मक शक्तियों को कम करने लगता है और आपके दिमाग का Neuron कमजोर हो जाता है।

 

एक Scientific   Research  के अनुसार इंसान को दिन भर में 70,000 से ज्यादा विचार आता है जिसमें 95% कोई काम का नहीं होता है । आप उसके बारे में सोचते हो जो वास्तव में इस दुनिया में है ही नही । 

 

 

बाहर से आकर कोई कुछ भी बोल देता है और आप उसी पर विचार करते रहते हैं। अपने Goal को भूल जाते हैं । आपकी लाइफ में कई समस्या का समाधान बिल्कुल आसान होता है लेकिन आप सोच-सोच कर उसे मुश्किल बना देते हो।

 

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एक कहावत है अगर आपके अंदर कोई दुश्मन नहीं है तो बाहर वाला दुश्मन आपक कुछ नहीं बिगाड़ सकता। जो दुश्मन है, शंका है, वह आपके अंदर ही हैं। 

 

आपको हमेशा यह बात दोहराना चाहिए-

Think Less Live Better

Think Less Live More

 

हां, सोचना है तो सोचो, अच्छी चीज सचो। क्योंकि Positive Thinking  कभी भी Overthinking नहीं मानी जाती हैं । 

 

Positive Thinking हमें नया ऊर्जा और जोश देता है । Positive thinking आपके  Overthinking को खत्म कर देगा। 

 

जो लोग Positive Thinking  करते हैं उसके आसपास एक  positive energy घूमता रहता है जो उसके अलावा सामने वाले व्यक्ति को भी आकर्षित करते रहता है । Positive Thinking  जितना आपके मन में आए उतना ही अच्छा है।

 

 

Overthinking के कई कारण हो सकते हैं। जो निम्नलिखित हैं-

 

(1) दूसरों से तुलना करते रहना।

 

(2) भविष्य के बारे में सोच कर दुखी होते रहना।

 

(3) उस स्थिति के बारे में सोचना जो कभी आएगा ही नहीं।

 

(4) केवल समस्या के बारे में सोचना, समाधान पर विचार करना ही नहीं।

 

(5) Ego।

 

उपरोक्त सभी  Overthinking का मुख्य कारण है। आप कभी अपने बचपन का कोई फोटो या वीडियो देख लीजिए । 

 

उसमें आप कितना मुस्कुरा रहे होंगे। उस समय आपकी आर्थिक स्थिति कुछ भी हो। क्योंकि उस समय आप Overthinking की बीमारी से ग्रस्त नहीं थे । 

 

जैसे-जैसे  आपकी उम्र बढ़ती गई आपको Ego हो गया। उसने मुझे नमस्ते नहीं बोला, उसने मुझे पार्टी में नहीं बुलाया, उसने मेरा फोन नहीं उठाया या उसने मुझे फोन नहीं किया। यह सभी Ego ही है।

 

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Overthinking को दूर करने के कुछ उपाय 

 

Overthinking को दूर करने के कुछ उपाय आपको बता रहा हूं इसे पालन करके आप इस समस्या को दूर भगा सकते हो

 

(1) अपने आपको हमेशा busy रखें। आप अपना काम इतना मन लगाकर करें कि दूसरे के बारे में आपको सोचने का मौका ही ना मिले।

 

(2) योगा, Exercise और Meditation आपके  लिए बहुत लाभदायक हैं । इसे अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करें।

 

(3) हमेशा सकारात्मक सोचने की कोशिश करें यह आपको energy देगा।

 

(4) आपके पास जो समस्या है उसे पेपर पर  लिखे और उसी के समाधान के बारे में सोचे।

 (5) चिंता और चिंतन में अंतर समझे। चिंता किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। जबकि चिंतन प्रत्येक समस्या का समाधान है। इसलिए कभी भी चिंता ना करें। चिंतन करें।

(6) श्रीमद्भगवतगीता का अध्ययन करें । चाहे आप किसी भी धर्म से हो यह पुस्तक सभी के लिए प्रेरणादायक हैं।  यह वाक्य हमेशा याद रखें “जो हुआ अच्छा हुआ, जो हो रहा है अच्छा ही हो रहा है और जो होगा वह भी अच्छा ही होगा। आपको भविष्य की चिंता नहीं करनी है और ना ही बीते हुए पर पश्चाताप करनी हैं केवल वर्तमान में काम करनी है।

स्टेशन गुरुजी

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