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क्या Mutual Fund सही है? Mutual Fund निवेशक द्वारा किया जाने वाला गलती।

क्या Mutual Fund सही है?

हमारे देश में कुल 44 Mutual Funds कंपनियां हैं और 500 से ज्यादा प्रकार के Mutual Funds स्कीम है। अगर आप यह सोच रहे हैं कि मैंने अच्छी कंपनी की सबसे अच्छी स्कीम में निवेश कर दिया और मुझे फायदा ही फायदा होगा तो आप यह गलत सोच रहे हैं।

केवल अच्छी कंपनी के निवेश करना काफी नहीं है। ऐसी बहुत सारी गलती है जिससे बच कर रहना चाहिए। यदि आपने इस गलती से अपने आप को नहीं बचाया को Mutual Funds में लाभ तो दूर आपका मूलधन भी डूब सकता है।

एक नहीं हजारों उदाहरण आपको मैं दे सकता हूं। जिसमें एक ही कंपनी, एक ही फंड  कोई निवेशक 15-20% प्रतिशत रिटर्न कमाया है और कोई निवेशक का रिटर्न नेगेटिव रहा है। अब आप सोचेंगे कि यह कैस हो सकता है? फंड हाउस जब एक है फंड भी वही है तब यह कैसे संभव है। बिल्कुल यह संभव है।

मैं कुछ मुख्य कारण के बारे में चर्चा कर रहा हूं जिसके कारण अच्छे फंड में निवेश करने के बावजूद निवेशक को घाटा उठाना पड़ता है। तभी मैं कहता हूं क्या Mutual Fund सही है? Mutual Fund उन्हीं लोगों के लिए सही है जो यह  गलती नहीं करेगा।

Mutual Fund में नुकसान होने के कारण

Mutual Fund सभी के लिए सही नहीं है। आप अच्छे से अच्छे फंड में निवेश कर ले परंतु कुछ गलती करें तो वह निवेश अच्छा नहीं हो सकता। मैं कुछ कारणों का जिक्र कर रहा हूं यदि आपने यह गलती किया तो आपके लिए Mutual Fund सही नहीं है।   यह मुख्य कारण निम्नलिखित है।

1. प्रतिदिन Mutual Fund के रिटर्न को देखना

कई निवेशक विभिन्न मोबाइल ऐप के जरिए प्रतिदिन Mutual Fund के रिटर्न देखते रहते हैं। कभी खुशी और कभी दुखी होते रहते हैं। जिस दिन स्टॉक मार्केट का सूचकांक ऊपर जाता है उनके Mutual Fund की NAV बढ़ जाता है और वह खुश हो जाते हैं।

जिस दिन स्टॉक मार्केट का सूचकांक नीचे जाता है उस दिन उनके Mutual Fund की NAV नीचे आता है और दुखी हो जाते हैं। कितना भी अच्छा Mutual Fund क्यों ना हो वह स्टॉक मार्केट के प्रदर्शन से जुड़ा हुआ होता है।

यदि  5 दिन लगातार स्टॉक मार्केट का संवेदी सूचकांक नीचे आया और Mutual Fund की NAV नीचे आ जाता है तो निवेशक चिंता ग्रस्त होकर हाथों-हाथ उस फंड को बंद करा देता है।

आजकल बंद कराने के लिए ऑफिस जाने की आवश्यकता नहीं है। सिर्फ एक क्लिक से आपका Mutual Fund बंद हो जाता है। इसलिए हमें कभी भी प्रतिदिन Mutual Fund का नहीं देखना चाहिए। निवेश करो और भूल जाओ।

यह बात हमेशा याद रखें कि हमें 6 महीने या 1 साल में एक बार अपने फंड को  चेक करना चाहिए। उसके बाद ही यह निर्णय लेना चाहिए कि फंड को रखे या बंद कर दे।

2. एकमुश्त निवेश करना

कई निवेशक Mutual Fund में एकमुश्त निवेश कर देता है। वह भी उस समय जब वह फंड का वेल्यू आल टाइम हाई लेवल पर होता है। लेकिन कई बार होता है कि  1 साल तक मार्केट उस लेवल पर नहीं पहुंच पाता।

इससे एक Mutual Fund में निवेश करने वाले निवेशक का  पूंजी भी कम हो जाता है। जिससे उनके मन में यह धारणा हो जाती हैं Mutual Fund बकवास है। यह कुछ भी नहीं देती है। यह फालतू की बातें हैं। इत्यादि।

इसलिए हमें एकमुश्त निवेश से बचना चाहिए। एसआईपी द्वारा निवेश सबसे अच्छा निवेश माना जाता है। स्टॉक मार्केट अपने सर्वोच्च स्तर पर हो या निचे हो। ऊपर नीचे होना स्टॉक मार्केट का काम है। हम उसको नहीं बदल सकते हैं। यह उसकी विशेषता है।

SIP द्वारा निवेश करने पर हमें NAV  Average cost पर  मिल जाता है। इसलिए कभी भी एकमुश्त निवेश नहीं करना चाहिए।

3. पिछला रिटर्न देखकर निवेश करना

कई बार निवेशक किसी फंड के पिछले 1 महीने या 6 महीने का रिटर्न देखकर निवेश कर देते हैं। यह बहुत बड़ी भूल साबित होती है। हमें किसी भी फंड के पिछले 1 महीने 6 महीने या 1 साल के रिटर्न देखकर निवेश नहीं करना चाहिए।

हो सकता है कि इस फंड में शामिल कंपनी एक महीना अच्छा परफॉर्म किया हो। हमें उस फंड के पिछले 3 साल या 5 साल का रिटर्न को देखना चाहिए। यदि वह फंड लगातार 5 साल से अपना रेंक बनाए हुआ है या फिर आगे बढ़ रहा है तभी हमे उस फंड में निवेश करना चाहिए।

इस बात को हमेशा ध्यान रखें। क्योंकि यह सबसे बड़ी भूल जो अक्सर लोग कर देते हैं। केवल कुछ महीने या सालों का रिटर्न देखकर अपनी मेहनत की कमाई को गलत फंड में निवेश ना करें।

4. Mutual Funds ब्रोकर के गलत सुझाव को मानना

कई बार क्या होता है कि आप जिस Mutual Funds में निवेश किया है वह फंड अच्छा परफॉर्म कर रहा है। आप संतुष्ट हैं। लेकिन कई ब्रोकर जिसने दूसरे Mutual Funds कंपनी से कमीशन लेकर उसका विज्ञापन कर रहा है वह आपको सुझाव देगा कि नहीं नहीं इस फंड को बंद करके हमारे फंड में पैसा लगाओ।

वह अपनी फंड की अच्छाइयां बताएगा और आप जिस फंड में निवेश कर रखें उसकी बुराइयां बता देगा।

आप उसकी बातों में आकर अपना फंड बंद कर देते हैं। ऐसे ब्रोकर से सावधान रहें। वह आपको गलत सलाह देते हैं। वह अपनी कमीशन के चक्कर में आपके मेहनत की कमाई को बर्बाद कर सकते हैं। इसलिए कभी भी  किस ब्रोकर के सुझाव को ना मानो।

5. Mutual Funds का चयन गलत वेबसाइट पर जाकर करना

बहुत सारे फाइनेंसियल वेबसाइट है जिस पर जाकर हम Mutual Funds का चयन करते हैं और करना भी चाहिए। क्योंकि गूगल एक सही जानकारी का अच्छा स्रोत है।

लेकिन गूगल पर कई वेबसाइट ऐसे होते हैं जो किसी विशेष Mutual Funds से कमिशन लेकर उसका विज्ञापन करता रहता है। उसी के बारे में बढ़ा चढ़ा  कर बातें करता है। इसलिए आप कभी भी गूगल के ऐसे वेवसाईट पर जाकर Mutual Funds के बारे में जानकारी नहीं ले।

मैं किसी वेवसाईट का नाम नहीं बता सकता हूं। इस समस्या को दूर करने का यह उपाय है कि आप अच्छे और दो-तीन वेबसाइट पर जाकर Mutual Funds के बारे में सर्च करें। यदि सभी वेबसाइट किसी Mutual Funds तो अच्छा बता रहा है तब वह अच्छा है।

6. हद से ज्यादा फंड खरीद लेना

हमें कितने Mutual Funds में निवेश करना चाहिए? इस विषय पर कई वित्तीय सलाहकार का अलग-अलग सुझाव है। औसत निकाला जाए तो सभी बड़े से बड़े वित्तीय सलाहकार यह सलाह देते हैं कि हमें किसी भी हाल में 7-8 फंड से ज्यादा नहीं लेनी चाहिए।

कई लोग तो 15, 20 या 25 Mutual Funds ले लेते हैं। उन्हें खुद याद ही नहीं रहता है तो कौन सा फंड लिए हुए है। इसे ओवरलेप कहा जाता है। क्योंकि एक Mutual Funds 50 से 80 कंपनी में निवेश करता है। यदि आप 7-8 फंड ले लेते हैं तो आप लगभग 500 कंपनी में निवेश कर दिया।

लेकिन यदि आप 15 या 20 फंड ले लिए हैं तो यह आपका ओवरफ्लो हो जाएगा और इससे आपका रिटर्न प्रभावित हो सकता है। इसलिए कभी भी आवश्यकता से ज्यादा फंड नहीं लें।

जो मन में आए वह फंड ले लिया यह बिल्कुल गलत है। ना तो आप इसे सही से ट्रैक कर पाएंगे और ना ही अपने निवेश को अनुशासन दे पाएंगे। इसलिए 7-8 फंड से ज्यादा कभी मत ले।

7. दूसरे की नकल करना

नकल करने में हम सब बहुत आगे हैं। नकल सभी को बहुत अच्छा लगता है। कई बार देखता  हूं कि राकेश झुनझुनवाला  जो शेयर खरीदते हैं आम निवेशक उसी शेयर पर टूट पड़ता है। वह यह नहीं सोचते हैं कि राकेश झुनझुनवाला किस उद्देश्य और कितने समय के लिए यह शेयर लिए हैं।

सभी की आवश्यकता अलग-अलग होती है। उसी अनुसार उनका फंड भी अलग-अलग होता है। इसलिए हमें कभी भी दूसरे की नकल करके Mutual Funds में निवेश नहीं करना चाहिए।

जैसे किसी को 5 साल का बच्चा है और वह उस बच्चा की शादी करने के लिए किसी स्मॉलकैप में निवेश कर दिया। दूसरे निवेशक उसके नकल करके निवेश कर दिया। जबकि दूसरे निवेशक का उद्देश्य टैक्स बचाना था और उनको  केवल 3 साल के लिए निवेश करना था।

क्या दूसरा निवेशक पहले निवेशक की तरह अच्छा लाभ कमा पाएगा? क्या दूसरा निवेशक टैक्स बचा पाएगा?  बिल्कुल नहीं, यह सब नहीं कर पाएगा। इसलिए अपनी आवश्यकता के अनुसार अपने फंड का चुनाव करें। दूसरे का नक़ल बिल्कुल नहीं करें।

वित्तीय जानकारी निष्पक्ष रूप से प्राप्त करने के लिए हमारा वेवसाईट स्टेशन गुरुजी को पढ़ते रहिए। आपको निष्पक्ष और सही जानकारी मिलेगी। फ्री में कुछ सुझाव चाहिए तो आप मुझे ईमेल भेज सकते हैं।

धन्यवाद।

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