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True Motivational Stories -- दुनिया की सभी दरवाजे खुले हैं ।

True Motivational Stories दुनिया की सभी दरवाजे खुले हैं ।

दोस्तों आपके साथ कुछ True Motivational Stories शेयर कर रहा हूं जो आप सबके लिए Motivation का काम करेगा। पिछले दिनों मैंने चार-पांच लेख में लगातार GK, GS  और Government Job संबंधी जानकारी दी।

अब मैं आपके साथ कुछ True  Motivation Stories शेयर कर रहा हूं जो आपको एक नया जोश देगा।

पढ़ाई के बीच में हमें अपने आप को मोटिवेट करते रहना चाहिए। तभी हम पूरे जोश से अपनी मंजिल की तरफ आगे बढ़ सकते हैं। क्योंकि सफलता पाने के लिए केवल मेहनत ही काफी नहीं है ।

आप कितना भी मेहनत कर लो यदि आपके दिल में यह बात बैठ गया है  कि यह काम मुझसे नहीं होगा, तो नहीं होगा, यह बात पक्की है।

अगर आप मेहनत कर रहे हैं और आपके दिल में यह बात बैठ गया है कि किसी भी हाल में मुझे यह मंजिल प्राप्त करनी है तो मंजिल जरूर आपको मिलेगी।

क्योंकि हमारे मानने से ही सब कुछ संभव है। क्योंकि कहा गया है-

मन के जीते जीत है मन के हारे हार

 

 यदि आप मान लेते हैं कि यह काम मुश्किल है तो मुश्किल है और यदि आप मान लेते हैं यह काम आसान है तो आसान है।

महान मोटिवेशनल स्पीकर संदीप महेश्वरी अपने सभी स्पीच की शुरुआत जिस शब्द से करते हैं वह शब्द हैं आसान हैं आसान है। 

इनका मानना है कि दुनिया की सभी काम आसान है मुश्किल कुछ भी नहीं। हम बस उस काम को मुश्किल मान लेते हैं।

महान विचारकों का कहना है कि दुनिया के सभी दरवाजे खुले हैं ताले तो हमारे दिमाग पर लगा। यह बात दोस्तों बिल्कुल सही है आप के दिमाग पर कुछ ताले लगे हो सकते हैं उसे खोलने के लिए आपको कुछ True Motivational Stories बता रहा हूं।

मेरी कहानी मेरी ही जुबानी

पहली सत्य घटना मैं अपनी जिंदगी का बता रहा हूं। साल 2003 की बात है। मैं केवल बैंक की नौकरी के लिए अप्लाई करता था।

मेरे दिमाग में एक ताला लगा था कि रेलवे की नौकरी के लिए GK की तैयारी अच्छी होनी चाहिए।

मैंने दोस्तों के कहने पर आरआरबी अजमेर में अप्लाई कर दिया।

जब परीक्षा देने गया तो लगभग 75% सवाल Mathematics और Reasoning से ही पूछा गया। बैंक की तैयारी करने की वजह से मेरा इन दोनों विषय पर अच्छा कमांड था इसलिए मेरा Selection हो गया।

एक दूसरी घटना जो मेरे ही जिंदगी से जुड़ा हुआ है। आपके साथ शेयर कर रहा हूं। मैं लगभग तीन-चार बार जयपुर रेलवे की परीक्षा देने गया।

रेलवे स्टेशन से निकलते ही बड़े-बड़े होटल हैं। मेरे दिमाग में एक ताला लगा था कि बड़े होटल में खाना महंगा  मिलेगा। इसलिए मैंने छोटे-मोटे होटलों में ₹ 50 में खाना खाता था।

जब नौकरी मिल गई तो मैं उस बड़े होटल में खाना खाने गया। तब मैंने देखा कि इस बड़े होटल में भी  ₹50 में खाना मिल रहा है।

 मैंने अपना सिर पकड़ लिया यह क्या हुआ। क्योंकि हमने कभी उस होटल में जाकर खाने का रेट पूछा ही नहीं। हम दूर से  ही मान लिए कि इस होटल में खाना महंगा मिलता होगा।

दोस्तों मैं अपनी यह कहानी आप लोगों के साथ इसलिए शेयर किया हूं कि आप लोगों कुछ प्रेरणा मिल सके।

आप लोगों के साथ में ऐसी कई घटना होती हैं ।

आप दूर से ही समस्या को देखकर हार मान लेते हैं। समस्या के नजदीक जाकर हम उसे हल करने का प्रयास ही नहीं करते।

 हमें तब तक हार नहीं माननी चाहिए जब तक हमे उस समस्या के नजदीक जाकर उसे हल करने का प्रयास ना करें।

बिना प्रयास किए हुए हार मानने वालों के लिए मेरी यह लाइन बहुत काम आएगी–

कोई भी लक्ष्य इंसान के 

प्रयासों से बड़ा नहीं है। 

हारा तो वह है जो इंसान 

कभी लड़ा नहीं है।

कुछ  True Motivational Stories बता रहा हूं जो आपक मोटिवेट कर सकता है।

पानीपत का द्वितीय युद्ध की कहानी

पानीपत का दूसरा युद्ध 5 नवंबर 1556 हुआ था।

हुमायूं की मौत के बाद अकबर मुगल साम्राज्य का शासक बना।

उस समय अकबर की आयु मात्र 14 वर्ष की थी। दिल्ली के अफगान शासक हेेमू ने अपनी विशाल सेना लेकर मुगल साम्राज्य पर हमला कर दिया।

अकबर अल्पायु होने के कारण उसका संरक्षक बैरम खान था। अकबर की सेना से  3 गुना सेना लेकर हेमू पानीपत के मैदान में आ गया।

बैरम खान ने अकबर को सुझाव दिया कि हम सभी को भाग जाना चाहिए क्योंकि हमारे पास हेमू के सैनिकों के आधे से भी कम सैनिक हैं। हमारी हार निश्चित है।

अकबर ने तुरंत बैरम खां को आदेश दिया कि युद्ध की तरफ जाने की तैयारी की जाए। मरना है तो युद्ध के मैदान में मरेंगे भगोरा की तरह नहीं मरना।

सभी इतिहासकार इस युद्ध को एक तरफा मान रहे थे और अकबर की पराजय सुनिश्चित मान के चल रहे थे।

युद्ध शुरू हुआ अकबर हार की ओर बढ़ रहा था। तभी हेमू को अपनी ही तीर उसकी आंख में लग गया और वह बेहोश हो गया।

अकबर ने तुरंत अपने सैनिकों से कहा कि यह बात फैला दो कि अकबर ने हेमू को मार दिया। जब यह बात हेमू के विशाल सैनिकों के कान में गया तो उसका हौसला टूट गया और वह हार गए। इस प्रकार अकबर ने युद्ध जीत लिया।

दोस्तों उस समय अकबर यदि बैरम खान की बात मानकर भाग जाता तो आज ताजमहल, लाल किला आदि विश्व प्रसिद्ध प्राचीन इमारत शायद हमारे पास नहीं होता।

इस कहानी से हमें यह ज्ञान मिलता है कि हमें कभी भी युद्ध से पहले हार नहीं माननी चाहिए। हमें अंतिम क्षण तक प्रयास करने चाहिए।

मार्शल आर्ट के महान खिलाड़ी ब्रूसली कहते हैंं-

हमें उस व्यक्ति से डर नहीं लगता जो हो दस हजार तरीके से लात मारता है।हमें तो उस व्यक्ति से डर लगता है जो एक ही kick को 10 हजार बार practice कर चुका है।

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अमिताभ बच्चन की कहानी

मैं आपको सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की कहानी बता रहा हूं। आज हम सभी अमिताभ बच्चन की सफलता को तो जानते हैं लेकिन उसके पीछे छिपे संघर्ष को बहुत कम लोग जानते हैं।

 कभी उनको भारी आवाज के कारण ऑल इंडिया रेडियो स्टेशन में नौकरी नहीं दिया गया था। उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।

फिल्मी दुनिया में कदम रखा। 1-2 नहीं लगातार 13 फिल्में फ्लॉप हो गई। 14वी फिल्म जंजीर में उन्हें सफलता मिली।

अगर उनकी जगह कोई और होता तो क्या करता?  उनकी जगह और होता तो यही सोचता कि जब हमें रेडियो स्टेशन में काम नहीं जो मिला तो हम हीरो कहां से बनेंगे या दो चार  फिल्में फ्लोप होने के बाद फिल्मी दुनिया छोड़ कर चले जाते।

लेकिन वे लगातार अपना काम जारी रखा और आज हमारे सामने सदी का महानायक बने हैं। हम सभी को उनकी जिंदगी से प्रेरणा लेनी चाहिए।

बल्ब के अविष्कारक थॉमस एडिसन करते हैं-

हमारी सबसे बड़ी कमजोरी 

बीच में ही हार मान लेना है।

 सफल होने का सबसे 

निश्चित तरीका है 

कि हमेशा एक बार और 

प्रयास करना है।

अक्षय कुमार  की कहानी

खिलाड़ी कुमार नाम से प्रसिद्ध अक्षय कुमार ने कभी नहीं सोचा था कि वह फिल्मी दुनिया के सुपरस्टार बनेंगे। अक्षय कुमार का असली नाम राजीव भाटिया है।

आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण वे केवल 12वीं तक पढ़ाई कर पाए। बैंकॉक में होटल में नौकरी की, कोलकाता में दुकानें की, मार्शल आर्ट सीखते और दूसरों को सिखाते,  मॉडलिंग करते।

एक बार मॉडलिंग के लिए 7 भेज उन्हें बेंगलोरु जाना था। फ्लाइट का समय सुबह 7:00 बजे था और वे 7:00 बजे शाम समझ  बैठे।

उनका फ्लैट मिस हो गया। जब वह एयरपोर्ट से वापस आ रहे थे तो रास्ते में नटराज फिल्म स्टूडियो दिखाई दिया।

बहुत हिम्मत करने के बाद वह स्टूडियो के अंदर गए और अपना फोटो दिखाएं।  हाथों-हाथ उन्हें एक नई फिल्म मिल गई और हमारे पास एक खिलाड़ी कुमार आ गया। इस प्रकार उन्होंने अपने सपने को सच कर दिखाएं।

यदि उस वक्त वे सोचते  कि  हम कैसे फिल्म में भाग ले सकते हैं या यह काम मेरे बस की बात नहीं तो आज एक सुपरस्टार मुझे नहीं मिल पाता। जो फिल्म और देशभक्ति दोनों में अपना नाम किए हुए हैं।

क्यों भरोसा करते हो गैरों पर 

जब चलना है तुझको अपने ही पैरों पर

 

दुनिया के कुछ प्रसिद्ध लोगों का प्रेरणादायक कथन

दुनिया के सबसे अमीर आदमी अमेजन के मालिक Jeff Bezos कहते हैं-

अगर आप बहुत बड़ी सफलता हासिल करना चाहते हैं तो असफल होने के लिए तैयार रहें। क्योंकि बार-बार असफल होने पर ही खुद की कमी का पता चलता है और कमी में सुधारते रहना ही आप को बड़ी सफलता दिलाता है।

इसलिए मैं बार-बार कहता हूं दुनिया की सभी दरवाजे खुले हैं ताला तो  हमारे दिमाग पर लगा है। 

फेसबुक के मालिक जुकरबर्ग कहते हैं

जीवन की लड़ाई में हमेशा तेज या शक्तिशाली व्यक्ति ही नहीं जीतता बल्कि जीतता वह है जो यह सोचता है कि वह जीत सकता है।

जब कोई मनुष्य सफलता प्राप्त कर लेता है तो हमलोग उससे जलने लगते हैं। हमलोग इस बात पर ध्यान नहीं देते  की उसके सफलता के पीछे उसके मेहनत और संघर्षों का इतिहास कितना लंबा है।

ओलंपिक में कई गोल्ड मेडल जीतने वाले तैराक माइकल फेल्प्स को किसी ने कहा कि आप बड़े भाग्यशाली हैं क्योंकि सबसे ज्यादा ओलंपिक स्वर्ण मेडल जीतकर आपने पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। तो उन्होंने तुरंत जवाब दिया कि-

मैं रोज पिछले कई सालों से 12 घंटे पानी में रहकर प्रैक्टिस करता हूं। यदि आप 13 घंटे पानी में रहकर प्रेक्टिस कर लो तो आप मुझसे ज्यादा भाग्यशाली बन जाओगे।

प्रसिद्ध विचारक रिचार्ज सी टोंस का कहना है कि सफल बनो, तैयार रहो, तुम्हारी बारी आने ही वाली है।  इस बात की कमर अभी से कस लो। निर्माताओं को तुम्हारी आवश्यकता जरूर पड़ेगी।

जिस प्रकार किसी भवन निर्माण करने के लिए ईट, पत्थर के टुकड़े और मार्बल की आवश्यकता पड़ती है। ठीक उसी प्रकार जो जिस योग्य होता है दुनिया उसका उपयोग वैसे ही करती।

यह तो हम पर निर्भर करता है कि हम ईंट बने या फिर चमकने वाले मारवल। अपने अंदर के टैलेंट को पहचानो और सफल लोगों की सोच को अपनाओ।

अपना लक्ष्य बनाओ और मंजिल की तरफ बढ़ चलो। ज्यादा सोच (Overthinking) विचार करने वालों के लिए ब्रूसली का यह कथन काफी प्रेरणादायक है-

अगर आप किसी काम को शुरुआत करने में बहुत अधिक समय लगाते हो तो आप उस काम को कभी नहीं कर पाओगे। इसलिए समझदारी इसी में है कि सोचने में समय व्यर्थ ना करें और उस काम को आज से ही शुरु कर दे।

जब आप  में से कोई  अपनी मंजिल चुन लेते हैं और आधा रास्ते  भी तय कर लेते हैं। तब  वह सोचते हैं कि  गलत रास्ते पर आ गया, हमें यह नहीं वह काम करना चाहिए।

 जैसे कोई दुकानदार सोचता है कि मुझे दुकान नहीं नौकरी करना चाहिए। कोई Engineering स्टूडेंट सोचता है हमें इन Engineering में नहीं Medical लाइन में जाना चाहिए।

ठीक उसी प्रकार कोई Medical स्टूडेंट सोचता है हमें CA बनना चाहिए।

 इन सभी के लिए रतन टाटा का यह कथन बहुत महत्वपूर्ण है। वे कहते हैं—

मैं कभी भी सही फैसले लेने में विश्वास नहीं करता बल्कि जो फैसले लेता हूं  उसे सही साबित कर देता हूं।

आप जो एक बार फैसला ले लेते हैं उस पर अडिग रहे। हमें कंपटीशन देखकर या परेशानी देखकर अपनी मंजिल नहीं बदलना चाहिए ।

क्योंकि रविंद्र नाथ टैगोर ने कहा है

 जिसकी जीवन में जितनी मोड़, जितनी समस्या आएगी, वह उतना ही सफल होता चला जाएगा, क्योंकि हर समस्या अपने साथ एक मौका लेकर आती है।

चाणक्य नीति में भी कहा गया हैैै-

निंदा से घबराकर हमें अपने लक्ष्य को नहीं छोड़ना चाहिए क्योंकि लक्ष्य मिलते ही निंदा करने वालों की विचार बदल जाती हैं।

क्योंकि आज के समय में

सबसे बड़ा रोग क्या कहेंगे लोग

 

आपको अपने लक्ष्य प्राप्त करने में समय लगता है तो लगने दीजिए। जब तक मंजिल ना मिल जाए हमें रुकना नहीं। आशावादी बनें डर को दूर भगाकर सपने को साकार करो।

 जो चीज जितना मेहनत से प्राप्त होता है उसे पाने के बाद उतना ही खुशी मिलते हैं।

डॉक्टर ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का  यह वाक्य हमें हमेशा याद रखना चाहिए

जल्दी मिलने वाले चीज 

ज्यादा दिन तक नहीं चलती और 

जो चीजें ज्यादा दिन तक चलती हैं 

वह कभी भी जल्दी नहीं मिलती 

जाते जाते हैं आप सभी को मेरा यही सुझाव है कि दुनिया की सब दरवाजे आपके लिए खुला हुआ है। आप जो चाहो कर सकते हो।

जो चाहो वह आपको मिल सकता है। बस आप उस दरवाजे के पास जाओ जहां आप जाना चाहते हो। दरवाजा आपके लिए खुला होगा।

जो संघर्ष में टिकता है

वही इतिहास लिखता है।

स्टेशन गुरुजी

मेरे वेबसाइट का नाम स्टेशन गुरुजी है। मैं पढ़ाई लिखाई, मोटिवेशनल कहानी, वित्तीय जानकारी इत्यादि शेयर करता रहता हूं। यह आप के लिए काफी उपयोगी साबित हो सकता है।

आप गूगल पर जाकर स्टेशन गुरुजी लिखे या बोल दे। उसके आगे अपना कोई भी सवाल डाल दें आपको उसका जवाब मिल जाएगा। नहीं मिलता है तो आप मुझे ईमेल कर सकते हैं। मैं जवाब देने का प्रयास करूंगा। मेरा ईमेल पता है stationguruji@gmail.com.

धन्यवाद।

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