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शॉर्ट सेलिंग क्या है और शेयर बाजार में इसे कैसे किया जाता है?

 शॉर्ट सेलिंग क्या है?

यदि आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो शॉर्ट सेलिंग (Short selling) के बारे में सुने होंगे। आप में से कई लोग शॉर्ट सेलिंग करते भी होंगे। लेकिन शॉर्ट सेलिंग के बारे में पूरी जानकारी नहीं होने के कारण आप इससे अनजान होंगे।

आज मैं आपको शॉर्ट सेलिंग के बारे में पूरी जानकारी दे रहा हूं। शॉर्ट सेलिंग क्या होता है? यह किस प्रकार काम करता हैै? Short selling द्वारा प्रत्येक दिन हजारों का मुनाफा कमा सकते हैं।

कुछ दिन पहले मैंने बताया था कि शेयर बाजार में निवेश कैसे करें? फिर इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) में प्रतिदिन हजार रुपे कैसे कमाए? अच्छा शेयर का चुनाव कैसे करें?

P/E Ratio का क्या महत्व क्या है? इस प्रकार आपको स्टॉक मार्केट का काफी जान हो गया है। अब मैं आपको वह बता  रहा हूं जो आप के लिए स्टॉक मार्केट में काफी सहायक सिद्ध होगा।

हम एक दूसरे को कहते हैं कि जब भी हम शेयर खरीदते हैं उसका दाम नीचे आ जाता है। जब भी हम निवेश करने की सोचते हैं शेयर मार्केट नीचे आ जाता है। मैं आपको शॉर्ट सेलिंग के बारे में बता रहा हूं। स्टॉक मार्केट भले ही नीचे गिरे लेकिन शॉर्ट सेलिंग से आप का मुनाफा उपर ही जाएगा।

यदि आप गिरते हुए मार्केट में Intraday Trading करते हो तो आपका नुकसान पक्का है और जानबूझकर नुकसान उठाना कोई भी नहीं चाहता है। शॉर्ट सेलिंग वह तरीका है जिसमें यदि मार्केट नीचे जा रही है तब भी आप निवेश करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। अभी शायद आप मेरी बातों को नहीं समझ रहे हैं। आगे मैं आपको उदाहरण के द्वारा इसे समझा रहा हूं।

शॉर्ट सेलिंग(Short selling) कैसे करें?

शॉर्ट सेलिंग में पहले हम शेयर को बेचते हैं और बाद में उसे खरीदते हैं। आप सोच रहे होंगे जो शेयर मेरे पास है ही नहीं उसे हम कैसे बेंच सकते हैं। इसका जवाब यह है कि आपका ब्रोकर उस कंपनी को विश्वास दिलाता है कि शाम तक आपका शेयर खरीद लेंगे तभी कोई निवेशक शॉर्ट सेल कर पाता है।

आप अभी भी नहीं समझे। इसे एक उदाहरण द्वारा समझते हैं। मान लिया कि अभी टाटा मोटर्स के 1 शेयर के दाम ₹400 है। आपको लगता है कि आज इस शेयर का दाम नीचे जाएगा। आपने टाटा मोटर्स के 50 शेयर ₹ 400 में बेच यानि शॉर्ट सेलिंग कर दिया।

एक घंटा बाद उस शेयर का दाम ₹380 हो गया। फिर आप उनको खरीद लिया। एक शेयर पर ₹20 मुनाफा हुआ। चुकी आप 50 शेयर बेचे थे इसलिए 50 × 20 = 1000 यानी आपको 1 घंटे में ₹ 1000 का मुनाफा हो गया। इसे इंट्राडे शॉर्ट सेलिंग कहते हैं।

इस प्रकार आप किसी भी कम शेयर पहले बेच देंगे और उसके बाद उसे खरीद लेंगे। यदि उसका दाम नीचे आया तो आपको मुनाफा हो जाएगा।

इंन्ट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) में मैंने आपको बताया था कि आप किसी भी कंपनी का शेयर खरीद लीजिए जो आपको लगता है इसका दाम ऊपर जाएगा और जब उसका दाम ऊपर चला जाता है आप उसे बेचकर मुनाफा कमा ले है।

शॉर्ट सेलिंग, इंन्ट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) का बिल्कुल उल्टा है। पहले इसमें शेयर बेचते हैं और बाद में खरीदते हैं। यह पूरा प्रोसेस आपको उसी दिन करना होता है। 3:30 बजे से पहले पहले आपको पूरी प्रक्रिया कर लेना है।

9:15 के मार्केट खुलता है और 3:30 पर शेयर मार्केट बंद होता है। इस बीच में आप इंट्राडे और शॉर्ट सेलिंग दोनों काम पूरे करने होते हैं। यदि आप शॉर्ट सेलिंग करते हैं पहले शेयर बेच दे और जब उसका दाम नीचे आ गया तो उसे खरीद लें।

चुकी शॉर्ट सेलिंग में आपने वह शेयर बेचा है जो आपके डिमैट अकाउंट में था ही नहीं इसलिए आपके अकाउंट में कुछ भी शेयर नहीं आएगा। सिर्फ केवल मुनाफा या नुकसान आपके अकाउंट में आएगा।

शॉर्ट सेलिंग (Short selling) से क्या फायदे हैं?

इस प्रकार आप शॉर्ट सेलिंग समझ गए होंगे। अब आपके मन में यह सवाल उठता होगा कि शॉर्ट सेलिंग से क्या फायदे हैं? शॉर्ट सेलिंग से कई फायदे हैं जो इस प्रकार है-

1. जिस दिन मार्केट नीचे की ओर जा रहा है उस दिन भी आप शॉर्ट सेलिंग द्वारा मुनाफा कमा सकते हैं।

2. कौन सा शेयर ऊपर जाएगा यह अंदाज लगाना मुश्किल है। लेकिन किस शेयर का दाम नीचे जाएगा यह अंदाज लगाना काफी आसान है। इस प्रकार आप शॉर्ट सेलिंग में आसानी से शेयर को चुन सकते हैं।

3. शेयर मार्केट के सेंसेक्स ऊपर जाने के कुछ विशेष कारण नहीं होते लेकिन नीचे जाने की कई कारण होते हैं। जैसे कोरोना महामारी, चीन से तनाव, अमेरिका से संबंध खराब, चक्रवात, मानसून इत्यादि।

इसलिए गिरते मार्केट में मुनाफा कमाने का मूल मंत्र है शॉर्ट सेलिंग हैं।

4. चुकी आपको उसी दिन शॉर्ट सेलिंग में शेयर को बेचना और खरीदना होता है। इसलिए आपको कल की चिंता नहीं करनी पड़ती है कि कल मार्केट ऊपर जाएगा या नीचे आएगा।

5. शॉर्ट सेलिंग में आप को ज्यादा पैसे लगाने की आवश्यकता नहीं होती। आपके अकाउंट में जितना पैसा है उसके 5 से 10 गुना ज्यादा आप शॉर्ट सेलिंग कर सकते हैं।

जैसे आपके अकाउंट में मान लीजिए ₹   10,000 है तो आप 50,000 से 1,00,000 तक का शॉर्ट सेलिंग कर सकते हैं।

शॉर्ट सेलिंग (Short selling) से नुकसान

जैसा कि आप जानते हैं कि जिस में फायदा है इसमें नुकसान भी होता है। दुनिया की कोई भी काम ऐसा नहीं है जिसमें फायदा ही फायदा है नुकसान नहीं। ठीक उसी प्रकार शॉर्ट सेलिंग में भी कुछ नुकसान है।

यदि आपका अनुमान गलत हो गया और शेयर का दाम नीचे आने के बजाय ऊपर चला गया तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। जैसे आपने किसी कंपनी का शेयर ₹   100 पर शॉर्ट सेल किया।

शाम तक उस शेयर का मूल्य ₹  100 से ₹ 120 पर पहुंच गया। आपको उस शेयर करो ₹ 120 में बाय करना पड़ेगा। इस प्रकार आपको₹   20 प्रति शेयर नुकसान उठाना पड़ेगा।

इसके अलावा केई नुकसान है जो इस प्रकार है-

1. कई बार होता है कि जिस कंपनी का शेयर हम Short selling   किए हैं दिन के अंत तक खरीद नहीं हो पाता है। क्योंकि उसे कोई खरीदार है ही नहीं।  शेयर खरीद नहीं होने के कारण हम डिफॉल्टर के श्रेणी में आ जाते हैं। सेबी द्वारा हम पर  जुर्माना लगाया जाता है।

2. बहुत से ऐसे कंपनी है जिसमें शॉर्ट सेलिंग नहीं की जाती है। कई बार हम उस शेयर का चुनाव कर लेते हैं और शॉर्ट सेलिंग नहीं होने के कारण हमें निराशा हाथ आती है।

3. शॉर्ट सेलिंग करने के बाद कई बार उस शेयर में लोअर सर्किट लगा दिया जाता है जिससे हमो उसे शेयर को बेचने में बहुत परेशानी आती है।

4. कई बार अनुमान गलत होने से काफी नुकसान उठाना पड़ता है। चुकी हमें यह काम उसी दिन पूरा करना होता है। इसलिए यदि शेयर को हम इस उम्मीद में  शॉर्ट सेलिंग करते हैं कि इसका दाम नीचे जाएगा और यदि दाम उपर चला जाता है तो हमें ना चाहते हुए भी उसे नुकसान पर खरीदने होते है।

5. कई बार शॉर्ट सेलिंग में जानबूझकर कंपनी के शेयर का दाम गिराया जाता है। जिसके कारण मार्केट में उथल पुथल मच जाता है।

क्या हमें शॉर्ट सेल (Short selling) करना चाहिए?

दोस्तों मैं कोई भी सलाह तभी देता हूं जब मैं वह काम स्वयं करता हूं। मैं पिछले 10 सालों से शेयर मार्केट में निवेश करता हूं और वही सलाह आपको देता हूं जो सही है।

शॉर्ट सेलिंग शेयर मार्केट से लाभ कमाने का एक अच्छा तरीका है। भारत में लाखों लोग शॉर्ट सेलिंग करते हैं। लेकिन इसमें कई प्रकार के रिस्क भी हैं। यदि आप जोखिम उठाने के लिए तैयार हो तभी आप Short selling करें।

कई बार इसमें नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। निवेश करने से पहले अच्छी तरह जांच पड़ताल कर लें तभी निवेश करें। किसी के कहने और सुनने से कभी भी निवेश ना करें। उतना ही पैसा निवेश करें जितना नुकसान आप सहन कर सकते हैं। कभी भी कर्जा लेकर निवेश ना करें।

स्टेशन गुरुजी

मेरे वेबसाइट का नाम स्टेशन गुरुजी है। मैं मोटिवेशनल कहानी, पढ़ाई लिखाई, वित्तीय जानकारी इत्यादि विषयों पर सच्ची एवं अच्छी जानकारी देता रहता हूं। यह आपके लिए काफी उपयोगी साबित हो सकता है।

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