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हमें कम क्यों बोलना चाहिए? कम बोलने से क्या फायदे हैं?

हमें कम क्यों बोलना चाहिए?

एक कहावत है साइलेंट इज गोल्ड स्पीक इज सिल्वर। सुनना सोना है और बोलना चांदी। पर इस संसार में बोलने वालों की होड़ लगी है। सब बोलने में लगा हुआ है। सुनने के लिए कोई भी तैयार नहीं है।

 

आजकल ज्यादा समस्या ना सुनने के कारण ही उत्पन्न होती है। भगवान ने हमें दो कान और एक मुंह दिया है। जिसका अर्थ है कि हम जितना बोले उसका दोगुना सुने। आप गौर किए होंगे कि जो व्यक्ति कम बोलते हैं उसकी इज्जत ज्यादा होती है।

कम बोलने वाले को लोग ज्ञानी व्यक्ति मानता है। तो क्या कारण है की सभी व्यक्ति बोलने में लगा हुआ है। सुनने के लिए कोई तैयारी नहीं है। इसका कारण है  अधूरा ज्ञान। अधूरा ज्ञान के कारण सभी लोग अपने आप को ज्ञानी समझ रहे है।

 

किसी व्यक्ति को बिना मांगे ज्ञान या सलाह ना दें। यह आपके लिए नुकसानदायक है।  किसी महापुरुष ने कहा है कि बोलने के लिए दुनिया में लाखों शब्द बने हैं लेकिन मौन रहना सबसे अच्छा जवाब है। मौन रहना एक साधना है जो हर कोई नहीं कर सकता है।

 

सच्ची कहानी – बोलने के कारण एक इंजीनियर फांसी पर चढ़ा

इस संबंध में आपको एक रोचक कहानी सुना रहा हूं। तीन इंजीनियर सऊदी अरब में एक पुल बनवाया। तीनों ने काफी मेहनत की। पुल बहुत अच्छा बना लेकिन एक साल के अंदर में ही वह टूट गया और सैकड़ों लोग मारे गए।

 

सऊदी अरब के शासक को यह बात बहुत बुरा लगा। उन्होंने तुरंत उस तीनों इंजीनियर को बुलाया। तीनों की जांच करने के बाद साबित हुआ इन्हीं की गलती से  एक साल के अंदर में ही पुुल टूट गया।

 

राजा ने तीनों इंजीनियर को फांसी की सजा दी। सऊदी अरब में उस वक्त फांसी के  लिए एक अलग ही तरीका था। जिस व्यक्ति को फांसी होता था उसे एक लकड़ी से बांधा जाता था। ऊपर से एक तेज  धार वाली हथियार चक्कर मारता। तेज  हथियार फांसी वाले व्यक्ति का सिर काट देता।

 

सबसे पहले एक इंजीनियर को बांध दिया गया। उस गोल काटने वाले चकरी जब इंजीनियर की गर्दन के पास आया  तो बंद हो गया। सभी लोग कहने लगे  अल्लाह इस व्यक्ति को जिंदा रखना चाहता है। यह अल्लाह की मेहरबानी है इसलिए उसे छोड़ दिया जाए।

 

दूसरे इंजीनियर को भी लकड़ी से बांधा गया और फिर वह सिर काटने वाला चकरी चलाया गया। चकरी फिर वापस घूम के इंजीनियर के गर्दन के पास आकर रुक गयाा। सभी लोग बोले अल्लाह अल्लाह। अल्लाह की मेहरबानी है इसे भी छोड़ दिया जाए। क्योंकि अल्लाह नहीं चाहता है कि इसे फांसी हो।

 

जब तीसरा इंजीनियर की बारी आई तो उन्होंने अचानक बोला क्या अल्लाह अल्लाह आप लोग बोल रहे हैं। आपको दिखाई नहीं देता कि चकरी  का एक नट ढ़ीला  हो गया है। इस कारण चकरी पूरी तरह नहीं घुम पा रहे हैं।

 

राजा ने तुरंत आदेश दिया इस चकरी के नट बोल्ट को  कस दिया जाए और आप आगे समझ गए होंगे कि तीसरे इंजीनियर का क्या हाल हुआ होगा। इसका मूल कारण  वह इंजीनियर खुद है। जिसने बिना मांगे राजा को सलाह दे दिया और अपना जान गवा बैठे।

 

इस कहानी से साबित हो जाता है कभी भी बिना मांगे सलाह देना आपके लिए घातक साबित हो सकता है। दूसरा हमें ज्यादा बोलना नहीं चाहिए। ज्यादा बोलने के कारण इंजीनियर मारा गया।

 

कम बोलने या चुप रहने से क्या फायदा है?

 

विद्वान लोग कहते हैं जितना हो सके कम बोलो। यदि एक शब्द से काम चल जाए तो एक वाक्य मत बोलो। यदि मौन रहने से काम हो जाए एक शब्द भी मत बोलो। क्योंकि कम बोलने से कई फायदा है।

 

1. डॉक्टर कहते हैं कि बोलने से ऊर्जा खर्च होती है। आप जितना ज्यादा बोलेंगे उतना आपके शरीर का ऊर्जा खर्च होगा। जितनी कम बोलेंगे उतना ऊर्जा शरीर में बचा रहेेगा। इसलिए जितना हो सके कम बोलो।

 

2. ज्यादा बोलने से कई बार हमारे मुंह से ऐसे शब्द निकल जाते हैं जो अगले का दिल तोड़ देता है। कई बार आपस में लड़ाई झगड़े की हो जाता है। कम बोलने वालों को यह समस्या का सामना नहीं करना पड़ता।

 

3. महाभारत का युद्ध जिसमें लाखों योद्धा वीरगति को प्राप्त हुए। इसके कई कारण थे। लेकिन मुख्य कारण कुछ वाक्य थे जैसे अंधे का पुत्र अंधा, पांच पति वाली तो वैश्या होती है।

 

यही वह वाक्य हैं जो महाभारत के युद्ध का कारण था। यदि कर्ण और द्रौपदी के मुंह से ऐसा वाक्य नहीं निकलता तो शायद महाभारत का युद्ध नहीं हो पाता और लाखों योद्धाओं का जान बच जाता।

 

4. कहा गया है तीर के द्वारा दिया गया ज़ख्म बहुत जल्दी भर जाते हैं लेकिन जवान के द्वारा दिया गया जख्म जिंदगी भर नहीं भरता। इसलिए ज्यादा बोलने वाले अक्सर दूसरों को जवान का जख्म दिया करते हैं। जो कभी भरता नहीं। इसलिए कम बोलो।

 

5. डॉक्टर, वकील, बड़े बड़े स्टार बोलने के पैसे लेते हैं। तो फिर आप बिना मतलब फ्री में क्यों बोलते हैं। आप अपने आप को इस प्रकार बनाए कि लोग आपको बोलने के आग्रह करें तभी बोलें।

 

6. रिसर्च में साबित हुआ है कि कम बोलने वाले का दिमाग तेज होता है। यदि आपको अपना दिमाग तेज करना है तो आज से कम बोलने का प्रयास शुरू कर दो। बहुत जल्दी आपको फर्क दिखाई देगा।

 

7. यादाश्त तेज करने के लिए कम बोलना जरूरी है। कम बोलने वाले का यादाश्त ज्यादा तेज होती। क्योंकि जो भी बोलता है सोच कर बोलता है। इसलिए यादाश्त तेज करने के लिए आपको कम बोलना चाहिए।

 

कम बोलने का आदत कैसे डालें

कई लोग कम बोलना चाहते हैं मगर बोल नहीं पाते। क्योंकि वह पिछले कई सालों से ज्यादा बोलते आ रहा है।  यह आदत एक दिन में छूटने वाला नहीं है। इसलिए आपको इसका प्रयास करना होगा।

 

बोलने से पहले सोचे क्या इसे बोलना जरूरी है? जब आप सोचेंगे तो आप बोलेंगे या नहीं बोलेंगे। प्रत्येक रात सोने से पहले इस बात पर विचार करेंं कि  आज दिन में आप कितना बार बोला? क्या बोलने वाला था और क्या अनावश्यक आपने बोला?

 

आपको पता लगेगा कि आप पूरे दिन में 80% से ज्यादा अनावश्यक बात जो जरूरी नहीं था आपने बोला। आपको आपकी गलती का एहसास होगा और आपको ज्यादा बोलने की आदत छूट जाएंगे।

धन्यवाद।

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