चाणक्य नीति (Chanakya Niti) - अनेक समस्याओं का समाधान
आचार्य चाणक्य
एक महान राजनेता, दार्शनिक, विचारक, शिक्षक और अर्थशास्त्री आचार्य चाणक्य का जन्म ईसा पूर्व 375 को पाटलिपुत्र में हुआ था। चाणक्य को कौटिल्य, विष्णुगुप्त आदि नामों सेेेे भी जाना जाता है।
चाणक्य द्वारा रचित अर्थशास्त्र नामक ग्रंथ राजनीति, अर्थ नीति, समाज नीति का एक महान ग्रंथ है। अनेक प्राचीन ग्रंथों जैसे विष्णु पुराण, भागवत पुराण आदी में चाणक्य का नाम का उल्लेख आया है ।
कई बौद्ध ग्रंथों में भी चाणक्य की कथा मिलते हैं। आज भी कई टीवी धारावाहिक जैसे चाणक्य, चंद्रगुप्त मौर्य आदि में चाणक्य के बारे में बताया जा रहा है।
एक बार चाणक्य पाटलिपुत्र के नंद वंश के राजा धनानंद के पास कोई अनुरोध लेकर गए थे । घनानंद ने अनुरोध को ठुकरा दिया और उनका अपमान भी किया।
तब आचार्य चाणक्य ने प्रतिज्ञा कि जब तक मैं नंद वंश का नाश ना कर दूंगा तब तक अपनी सिखा नहीं बांधूंगा।
आचार्य चाणक्य चंद्रगुप्त नामक एक बालक को सभी तरह की शिक्षा देकर उसके द्वारा पाटलिपुत्र के नंद वंश को समाप्त करवाया। आचार्य चाणक्य ने चंद्रगुप्त को पाटलिपुत्र का राजा बना कर मौर्य वंश स्थापना किया और स्वयं मौर्य वंश का महामंत्री बने।
प्रकांड विद्वान तथा चिंतक के रूप में प्रसिद्ध आचार्य चाणक्य का जीवन सादगी से भरा था। महामंत्री होने के बावजूद एक छोटे से मिट्टी के मकान में रहते थे एवं आम नागरिक की तरह जीवन गुजारते थे।
दोस्तों, आचार्य चाणक्य के बारे में बात करेंगे तो बहुत लंबी चलेगी। उनका अखंड भारत का सपना, सेल्यूकस के साथ युद्ध, नंद वंश का नाश, विषकन्या भेजने की कथा, सिकंदर से मुलाकात आदि आप कई बार पढ़ें और सुने होंगे।
आज जो मैं आपको बता रहा हूं वह है उनका अद्भुत और अमर ग्रंथ अर्थशास्त्र के बारे में। आज से लगभग 2400 साल पूर्व रचित इस ग्रंथ के एक एक शब्द आज भी हमारे जीवन में उतना ही महत्व रखता है जो उस समय रखता था ।
आज में उनके द्वारा रचित कुछ उपयोगी चाणक्य नीति (Chanakya Niti) आपके पास लेकर आया हूं । चाणक्य नीति(Chanakya Niti) हम सभी लिए बहुत काम का है । विद्यार्थी हो या नौकरी पेशा वाले व्यक्ति, राजनीतिक व्यक्ति हो या आम जनता, सभी के लिए चाणक्य नीति बहुत उपयोगी है।
चाणक्य नीति (Chanakya Niti)
चाणक्य नीति(Chanakya Niti) की एक एक शब्द से हमें सीख लेनी चाहिए। वर्तमान समाज में जो समस्या का समाधान करने में हमें दिक्कत आ रही है वह सभी समस्या का समाधान चाणक्य नीति में लिखी गई है।
चाणक्य नीति पर कई पुस्तकें लिखी जा चुकी हैं। लाखों लोगों ने अपने जीवन को बदला है। आप भी इसे केवल पढ़कर नहीं बल्कि अपने जीवन में उतार कर अपना जीवन बदल सकते हैं। इससे बहुत कुछ सीख सकते हैं।
चाणक्य नीति मेंं क्या कहा गया है?
कोई अगर आपके अच्छे कार्य पर
संदेह करता है तो करने देना
क्योंकि शक सोने की शुद्धता पर किया
जाता है, कोयले की कालिख पर नहीं।
‘निंदा’ से घबराकर अपने
‘लक्ष्य’ को ना छोड़े क्योंकि
‘लक्ष्य’ मिलते ही ‘निंदा’ करने
वालों की राय बदल जाती हैं।
बच्चे को उपहार ना दिया जाए
तो कुछ ही समय रोएगा।
मगर संस्कार ना दिया जाए
तो वह जीवन भर रोएगा।
“रिश्ते तोड़ना तो नहीं चाहिए लेकिन जहां कदर ना हो वहां निभाने भी नहीं चाहिए।”
चार रिश्तेदार एक दिशा में तब ही
चलते हैं जब पांचवा कंधे पर हो।
पूरी जिंदगी गुजार देते हैं
चार लोग क्या कहेंगे और
अंत में चार लोग बस कहते हैं कि
‘राम नाम सत्य है’
किसी के सामने अपनी सफाई
पेश मत करना।
क्योंकि जिसे तुम पर विश्वास है
उसे जरूरत नहीं और जिसे तुम पर
विश्वास नहीं है वह मानेगा ही नहीं।
एक उत्कृष्ट बात जो ‘शेर’ से सीखी जा सकती हैं वह यह है कि व्यक्ति को जो कुछ भी करना चाहिए उसे पूरे दिल और जोरदार प्रयास के साथ करें।
ना कोई किसी का स्थाई मित्र है
और ना ही स्थाई शत्रु
समय के साथ मित्र और शत्रु बनते रहते हैं।
बुद्धिमान व्यक्ति वही है जो अपनी कमियों को किसी के सामने उजागर ना करता हों। घर की गुप्त बातें, पैसे का विनाश, दोस्तों द्वारा दिया गया धोखा, अपमान, अपना चिंता अपने तक ही सीमित रखना चाहिए।
आप मंदिरों में क्यों ढूंढते हो उसे,
वह तो वहां भी हैं जहां आप
गुनाह और अपराध करते हो।
उनसे बचो जो आपके मुंह पर तो
मीठी-मीठी बातें करते हैं लेकिन
आपके पीठ पीछे आपका बुरा
करने की योजना बनाता हैं ।
ऐसा करने वाला तो उस ज़हर के
घड़े के समान हैं जिसकी
ऊपरी सतह पर दूध ही दूध है।
ऐसे व्यक्ति जो आपके स्तर से ऊपर या नीचे के हैं उन्हें दोस्त मत बनाओ, वह आपके दुःख का कारण बनेगा। समान स्तर में दोस्ती ही अच्छा होता हैं।
जब आमदनी पर्याप्त ना हो तो
तब खर्चों पर नियंत्रण रखें।
जब जानकारी पर्याप्त ना हो तो
तब शब्दों पर नियंत्रण रखें।
समय जिस का साथ देता है
वह बड़े-बड़े को मात देता है।
जैसे अमिर के घर पर बैठा कौवा भी
सबको मोर लगता है और गरीब का
भूखा बच्चा भी सबको चोर लगता है।
इंसान की अच्छाई पर हम सब
खामोश रहते हैं चर्चा अगर उसके बुराई
की हो तो गूंगे भी बोल पड़ते हैं।
सर्दियों में जिस सूरज का आप
इंतजार करते है उसी सूरज का
गर्मियों में आप तिरस्कार करते है।
ठीक वैसे आपकी कीमत तब होती हैं
जब आपकी जरूरत होती हैं।
यदि आप जीवन में किसी का भला
करोगे तो आपको लाभ होगा, क्योंकि
भला का उल्टा लाभ होता है।
यदि आप अपने दुश्मनों को
सजा देना चाहते है।
अपने कर्म में विश्वास रखिए
अपने राशि में नहीं
राशि तो राम और रावण
की भी एक ही थी
लेकिन ईश्वर ने उन्हें फल
उनकी कर्म अनुसार दिया।
आप अपनी जुबान का प्रयोग कभी भी
अपने माता-पिता के विरुद्ध मत करो
क्योंकि इन्होंने आप को बोलना सिखाया।
आप बार-बार अपनी आंसू साफ करने के बजायअपनी जिंदगी से उस वज़ह
को ही साफ कर दो जिसकी वज़ह
से आपकी आंखों में आंसू आते हैं।
केवल उतना ही झुको जितना सही हो।
बेवजह झुकना आपके विरोधीयों के
ग़लत मनोबल को बढ़ावा देता है।
जो आपका महत्व ना समझे उसके सामने कभी प्रेम प्रदर्शन मत करना क्योंकि ऐसा करने से आपका प्रेम के साथ साथ आपका भावनाओं को भी कुचल दिया जाएगा।
संक्षेप में
इस प्रकार मैंने आपको चाणक्य नीति संबंधी मुख्य मुख्य बातें बताएं जो आपके बहुत काम आएंगे। आपके दैनिक जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या हो पढ़ाई लिखाई संबंधी या निवेश संबंधी तो गूगल पर जाकर स्टेशन गुरुजी जो मेरी वेबसाइट का नाम है उससे पूछ सकते हैं।
जैसे स्टेशन गुरुजी दूसरे को मोटीवेट कैसे करें, कम बोलने से फायदा क्या होता है, ईश्वर क्या है आशावादी कैसे बने, चिंता को दूर कैसे भगाए, डर से मुक्ति कैसे पाए।
10th के बाद क्या करें, 12th के बाद क्या करें, Successful लोगों की सोच कैसी होती है, मोटिवेशनल कहानी इत्यादि आप पढ़ सकते हैं।
मन में कोई सवाल हो या कोई भी समस्या हो तो हमें ईमेल द्वारा सूचित करें। हम जवाब देने का हर संभव प्रयास करेंगे। मेरा ईमेल आईडी है यह stationguruji@gmail.com.
धन्यवाद
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