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नई शिक्षा नीति (New Education Policy) 2021 के बारे में संक्षिप्त जानकारी बिल्कुल सरल भाषा में पढ़ें।

नई शिक्षा नीति (New Education Policy) 2021

देश आजाद के बाद प्रथम शिक्षा नीति 1968 ई में बनी थी। उसके बाद दूसरा शिक्षा नीति 1986 ई में आई। अब करीब 35 साल बाद एक नई शिक्षा नीति आई है। जिसका नाम नई शिक्षा नीति 2021 दिया गया है।

नई शिक्षा नीति 2021 काफी मेहनत से तैयार किया गया है। सरकार नई शिक्षा नीति 2021 लाने से पहले पिछले 3 सालों से काफी विचार-विमर्श किया। करीब 15,00,000 लोगों से सुझाव लिया गया हैै।

नई शिक्षा नीति 2021 शिक्षा क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन के उद्देश्य से लाए गए हैं। आधुनिक भारत की आवश्यकता को ध्यान में रखकर इसे बनाया गया है। भारत की जनसंख्या और बेरोजगारी सभी बातों का इसमें ध्यान रखा गया है।

नई शिक्षा नीति 2021 का उद्देश्य

एक समय था जब भारत विश्व गुरु बना हुआ था। दुनिया की सबसे प्रसिद्ध विश्वविद्यालय भारत में ही थे। नालंदा विश्वविद्यालय, तक्षशिला विश्वविद्यालय सहित विश्व प्रसिद्ध विश्वविद्यालय भारत में ही  थे।

महानतम शिक्षकों में से एक चाणक्य, आर्यभट्ट सहित अनेक विद्वान भारत का नाम रौशन किया है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से भारत शिक्षा क्षेत्र में पिछड़ सा गया है।

नई शिक्षा नीति 2021 का उद्देश्य भारत को एक बार फिर से विश्व गुरु बनाना है। शिक्षा के क्षेत्र में फिर से नई ऊंचाई कायम करना है।

बच्चों को पढ़ाई के दबाव से मुक्त कराना ही नई शिक्षा नीति 2021 का मुख्य उद्देश्य है। प्रतिवर्ष दुनिया में आठ लाख से ज्यादा विद्यार्थी आत्महत्या करते हैं। उसमें से 2,00,000 केवल भारत में हैं।  बच्चे में आत्महत्या का मुख्य वजह पढ़ाई का प्रेशर  है।

पिछले कुछ वर्षों से बच्चों की पढ़ाई का दबाव ज्यादा ही बढ़ गया था। बच्चे चाह कर भी अपना शौक पूरा नहीं कर पाते थे। दूसरी और तीसरी क्लास के बच्चे के स्कूल बैग का वजन 10 किलो से ज्यादा बताया जा रहा था। इसी स्कूल बैग का वजन कम करना नई शिक्षा नीति 2021 का मुख्य उद्देश्य है।

नई शिक्षा नीति 2021  की मुख्य बातें

नई शिक्षा नीति 2021 का सरकारी ड्राफ्ट तो बहुत लंबा चौड़ा है। इसे पढ़ने में काफी समय लग जाता है। लेकिन मैं उनमें से मुख्य मुख्य पॉइंट जो आपके लिए बहुत काम का है उसे सरल भाषा में बता रहा हूं।

1. पांचवी कक्षा तक मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई होगी। बच्चे अपने मातृभाषा को सीख एवं जान सकते हैं। कई क्षेत्रीय भाषा जो प्रायः चलन से बाहर  हो रही थी वह एक बार पुनः जीवित हो जाएंगे।

2. पुरानी शिक्षा पद्धति 10 + 2 में बदलाव किया गया है। नई शिक्षा पद्धति में 5 + 3 + 3 + 4 लागू किया गया है।

3. एम फिल को खत्म कर दिया गया है। अब 4 साल की डिग्री के बाद में करके सीधे पीएचडी किया जाएगा।

4. अब विदेशी यूनिवर्सिटी को भारत में कैंपस खोलने की अनुमति दी गई हैं। इससे विदेश के कई प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी भारत में स्थापना की जाने की संभावना है। इससे उच्च शिक्षा में आमूलचूक बदलाव हो सकती हैं।

5. कॉलेज में एडमिशन के लिए कोमन एंट्रेस एग्जाम की व्यवस्था की गई है। अब राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा कॉमन एंट्रेस एग्जाम ली जाएगी। जिसके आधार पर आपको कॉलेज में एडमिशन मिलेगी।

6. UGC,  NCTE और AICTE  खत्म किए जाएंगे।

7. छठी कक्षा से वोकेशनल कोर्स शुरू किया जाएगा। संगीत, कला को पाठ्यक्रम में जोड़ा जाएगा। अब आप अपनी इच्छा अनुसार अपना विषय चुन सकते हैं।

8. शिक्षा की बात हो और शिक्षक को छोड़ दिया जाए तो फिर वह अधूरा रह जाएगा। शिक्षक बनने के लिए अब B.Ed सालों पूरा होगा।

नई शिक्षा नीति 2021 से लाभ

नई शिक्षा नीति 2021 के मुख्य बातें जानने के बाद आपको पता लग गया होगा किया कितना लाभकारी है। अब आपको मैं इसे कुछ मुख्य लाभ बता रहा हूं।

1. नई शिक्षा नीति 2021 में कौशल विकास पर जोर दिया गया है। छठी क्लास से ही यदि बच्चे को कौशल संबंधी ज्ञान दिया जाएगा तो यह बेरोजगारी की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी।

2. नई शिक्षा नीति के अनुसार  देश की कुल जीडीपी का 6% हिस्सा शिक्षा पर खर्चा करना अनिवार्य है। वर्तमान में यह 3 से 4% खर्च किए जाते हैं। यदि शिक्षा पर वर्तमान खर्च का दोगुना खर्च होना आरंभ होगा तो जरूर ही शिक्षा क्षेत्र में देश का नाम रौशन होगा।

3. 10वीं परीक्षा यानी बोर्ड परीक्षा जो विद्यार्थी के लिए सबसे बड़ी टेंशन का विषय होता था उसे अब समाप्त कर दिया गया है। अब दसवीं क्लास में कोई बोर्ड परीक्षा नहीं ली जाएगी। बोर्ड परीक्षा केवल 12वीं क्लास में ली जाएगी। इस तनाव से मुक्ति मिलने पर विद्यार्थी अपना  पढ़ाई मेंं मन  और कौशल विकास में ध्यान लगा सकेगा।

4. शिक्षा संस्कृत  एवं अन्य भारतीय भाषाओं में उपलब्ध रहेगा। विद्यार्थी अपने मन मुताबिक अपना भाषा चुन सकता है। इससे देश की सभी भाषाओं का विकास होगा।

5. संगीत, खेलकूद, योगा जैसे पाठ्यक्रम मुख्य सिलेबस में शामिल किया गया है। यदि किसी विद्यार्थी को संगीत में, किसी को डांस में, किसी को इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने में मन लगता है तो वह उसका शौक भी होगा और उसका मुख्य विषय भी बन जाएगा। इससे कौशल विकास में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा।

नई शिक्षा नीति 2021 के चार चरण

नई शिक्षा नीति 2021 चार चरणों में बांटा गया है। 10 + 2 पद्धति में बदलाव करके अब 5 + 3 + 3 + 4 लागू किया गया है। इसे इस प्रकार बांटा गया है।

1. फाउंडेशन स्टेज

शिक्षा का शुरुआती 5 साल को फाउंडेशन स्टेज में रखा गया है। नर्सरी, केजी, प्रेप, क्लास 1 और क्लास 2। इस क्लास को फाउंडेशन स्टेज कहा गया है। इसमें आयु सीमा 3 वर्ष से 8 वर्ष के बच्चे को शामिल किया गया है।

बच्चे 3 वर्ष के बाद नर्सरी में एडमिशन ले सकते हैं और 8 वर्ष पूरे होते ही फाउंडेशन स्टेज को पार कर लेंगे। यानी 8 वर्ष की आयु में क्लास 2 पास करेंगे।

2. प्रिपेटरी स्टेज

इसमें क्लास थर्ड, फोर्थ और फिफ्थ को शामिल किया गया है। आयु सीमा 8 से 11 वर्ष तक बच्चे इसमें शामिल होंगे। यानी 11 वर्ष की आयु में पांचवी क्लास पास कर लेंगे।

3. मिडिल स्टेज

कक्षा 6, 7 और 8 को मिडिल स्टेज में शामिल किया गया है। कक्षा 6 से ही बच्चों को कोडिंग पढ़ाया जाएगाा। बच्चे छठी कक्षा से ही वोकेशनल कोर्स शुरू कर सकते हैं।

इस स्टेज में एक 11 वर्ष से 14 वर्ष तक के विद्यार्थी को शामिल किया गया है। 14 वर्ष पूरा पता है आप 8 क्लास पास हो जाएंगे।

4. सेकेंडरी स्टेज

इसने क्लास नौवीं से बारहवीं तक को शामिल किया गया है। प्रत्येक क्लास में सेमेस्टर के अनुसार परीक्षा ली जाएगी। दसवीं में बोर्ड परीक्षा नहीं ली जाएगी। 12वीं कक्षा में केवल बोर्ड परीक्षा ली जाएगी।

पहले की तरह केवल तीन स्ट्रीम साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स नहीं होंगे। कोई भी स्ट्रीम पद्धति लागू नहीं होगी। जिस बच्चे को जो विषय लेना है वह ले सकता है। किसी प्रकार की पाबंदी नहीं रहेगी।

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