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लॉकडाउन में बच्चे पढ़ाई कैसे करें। जानिए Lockdown में पढ़ने के 7 तरीके।

लॉकडाउन में बच्चे पढ़ाई कैसे करें।

पिछले 1 साल से सभी स्कूल बंद चल रहा है। बच्चे की पढ़ाई बिल्कुल चौपट हो गई है। कुछ स्कूल ऑनलाइन पढ़ाई करवा रहा है। लेकिन कई विद्यार्थी के पास मोबाइल है तो नेटवर्क नहीं है कई के पास नेटवर्क हैं तो मोबाइल नहीं।

कई विद्यार्थी के पास मोबाइल नेटवर्क दोनों है तो ऑनलाइन क्लास नहीं करवाया जा रहा है। आप सोच सकते हैं। आखिर यह कब तक चलता रहेगा। इसका जवाब किसी के पास नहीं है।

पहले साल 21 दिन का लॉकडाउन लगा।  फिर वह आगे से आगे बढ़ता ही गया। 2020-21  पूरी तरह घर बैठे ही गुजर गया।  बच्चे खुश हैं क्योंकि  उन्हें बिना पढ़े, बिना परीक्षा दिए अगले क्लास में प्रमोट कर दिया गया। यह खुशी कितना सही है यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

जो बच्चे पूरे साल पढ़ाई किया वह भी उसी बच्चे के कतार में खड़ा हो गया जिसने पूरे साल किताब छू कर भी नहीं देखा। यदि सोचा जाए तो समस्या बहुत गंभीर है। जो बच्चे हैं, नर्सरी केजी क्लास में पिछले 2 साल से पढ़ रहा था वह तो फिर 0 पर आ गया। जहां से पढ़ाई शुरू किया था  वहीं पर आकर पहुंच गया।

जिसके मां बाप पढ़े लिखे हैं उसके पास बच्चे के लिए समय नहीं है। जिस  मां बाप के पास समय है उसे पढ़ाने आता नहीं। जो मां-बाप अनपढ़ है उसे तो आजकल के बच्चे खुद उल्टा पाठ पढ़ा कर अपना काम निकाल लेते हैं।

बच्चे भी करे तो क्या करें? उनके पास एक से बढ़कर एक जवाब तैयार है। स्कूल बंद है क्या करू? टीवी नहीं देखूं तो क्या करूं? किताबें नहीं है क्या करूं? कौन बताएगा? कौन समझाएगा? कुछ समझ में आता नहीं क्या करें? पढ़ाई में मन नहीं लगता क्या करें,?

इस सवाल का जवाब किसी भी मां-बाप के पास नहीं है? बच्चे पूरे दिन टीवी, मोबाइल, गेम, इसी में अपना भविष्य खराब कर रहे हैं। मां-बाप सोचते रहते हैं कि लॉकडाउन में समय का सदुपयोग बच्चे कैसे करें?

सभी बच्चे ऐसे नहीं करते और ना ही सभी मां बाप हाथ पर हाथ रखकर बैठे हैं। कुछ ऐसे भी बच्चे और मां बाप है जो स्कूल बंद और लॉकडाउन के दौर में भी अपने बच्चे को पढ़ाई का रास्ता बता रहा और उसे पढ़ने में मदद कर रहा है।

यदि आपके बच्चे का लॉकडाउन की वजह से पढ़ाई पर बुरा असर पड़ा है तो आप  कुछ बातों बातों को अपना कर उन्हें पढ़ने में मदद कर सकते हैं। क्योंकि यह 2021 भी 2020 से ज्यादा खराब होने का संकेत दे रहा है।

पूरी साल स्कूल खुलने की संभावना ना के बराबर है। तो क्या बच्चे ऐसे ही बिना पढ़े प्रमोट होते रहेंगे? क्लास तो प्रमोट हो जाएंगे लेकिन आगे कंपीटेशन में प्रमोट कौन करेगा?

क्योंकि जिसने 2 साल पढ़ाई ही नहीं तो किया वह अगले क्लास में क्या समझेगा? जो बच्चे क्लास पांचवी और छठी में पढ़ाई नहीं किया वह 7वी का मैथ क्या बना लेगा और क्या समझ लेगा?

ठीक उसी प्रकार जिसने नवमी-दशमी पढ़ाई नहीं प्रमोट होकर 11वी में चला गया तो वह 11वी का साइंस मैथ क्या समझ सकता है?

इस लॉकडाउन की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है वह है विद्यार्थी। वैसे प्रभावित तो सभी हुआ है। बड़े से बड़े उद्योगपति से लेकर छोटे से छोटे किसान मजदूर भी। लेकिन विद्यार्थी का भविष्य सबसे  ज्यादा प्रभावित हुआ है।

कोरोना चला जाएगा, दुकानें खुल जाएगी, उद्योगपति फिर समान महंगा करके बेंच कर अपना मुनाफा वसूल लेंगे। दुकानदार पुराना माल बेचकर मुनाफा कमा लेंगे। श्रमिक अपना रेट बढ़ा कर क्षतिपूर्ति कर लेंगे। लेकिन विद्यार्थी क्या करेगा?

यदि वह आठवीं में था प्रमोट होकर 9वी में चला गया तो दोबारा आठवीं का सिलेबस नहीं पढ़ सकता। कोई 10वी में था प्रमोट होकर 11वी में के चला गया, फिर वह वापस 10वी का किताब नहीं पढ़ सकता। क्योंकि उसका समय निकल गया।

इस वार आप जानते ही हैं कि सीबीएसई के साथ-साथ अनेकों राज्य सरकारें दशमी के विद्यार्थी को बिना परीक्षा लिए प्रमोट कर दिया।  दसवीं के अलावा 9वी और 11वी में भी कई  राज्य सरकारें  विद्यार्थियों को बिना परीक्षा लिए प्रमोट कर दिया।

बच्चे खुशी मना रहे हैं। इस साल भी स्थिति जस की तस बनी हुई हैं। यह कहें कि पहले से भी डरावना बनी हुई है। अगले साल प्रमोट हो जाएंगे यह कोई बड़ी बात नहीं है। बात यह है कि क्या 2 साल बिना पढ़ाई उन्हें आगे परेशानी में नहीं डालेंगे।

लॉकडाउन में पढ़ने के 7 तरीके

अब मैं आपको 7 तरीके के बता रहा हूं जिसके द्वारा यदि स्कूल बंद रहेगा तो भी आपके बच्चे लॉकडाउन में अपने घर पर पढ़ सकते हैं। आपको इन सातों तरीके में से जो भी अच्छा लगे उसे अपना सकते हैं।

सबसे पहले का मन को शांत रखें। घर का माहौल खुशनुमा बनाए। कोरोना महामारी के विषय में Overthinking ना करें।

लेकिन कोई ना कोई तरीका जरूर अपनाएं। यदि आप चाहते हैं आपके बच्चे इस लॉकडाउन में प्रभावित ना हो तो कोई ना कोई तरीका जरूर रखता है। यह तरीका निम्नलिखित है।

1. प्रतिदिन बच्चे के लिए समय निकालेंं

आज के समय में मां बाप के पास सबसे बड़ी समस्या है कि वह बच्चों को समय नहीं दे पाते हैं। अच्छे से अच्छे स्कूल में नाम लिखवा देते हैं। कोचिंग में डाल देंगे। लेकिन खुद बच्चे को समय नहीं दे पाते हैं।

आज जब इस लॉकडाउन में स्कूल कोचिंग सब कुछ बंद है तो इसमें आपकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। प्रतिदिन कम से कम 2 घंटे समय निकालकर बच्चों के पढ़ाई पर जरूर ध्यान देंं। मां पिता दोनों में से कोई भी एक अथवा दोनों यह काम कर सकते हैं।

अभी पूरे दिन बच्चे आपके घर पर ही रहते हैं। आप अपना समय अनुसार कोई भी समय निकाल कर बच्चों को दे सकते हैं। भले आपके पास इतना ज्ञान नहीं हो तो भी आप जो भी जानते हैं वह बच्चे के साथ जरूर शेयर करें।

2. गूगल बाबा का सहयोग ले

गूगल सर्च इंजन को दुनिया का सबसे बड़ा गुरु कहा गया है। ऐसा कोई भी सवाल नहीं इसका जवाब गूगल के पास ना हो। बच्चों को समझाएं कि जो भी सवाल का उत्तर नहीं जानता वह गूगल से पूछो।

आज के जमाने में मोबाइल का हर घर में उपयोग हो रहा है। हम मोबाइल से अनेकों काम कर रहे हैं तो फिर पढ़ाई में हम गूगल का सहयोग क्यों नहीं ले सकते हैं। हमें कोई कपड़ा खरीदना हो, कोई मोबाइल खरीदना हो, कहीं पर जाना हो हर काम में हम गूगल का सहयोग लेते हैं। तो सबसे महत्वपूर्ण काम यानी अपनी पढ़ाई में गूगल से सहयोग क्यों नहीं ले सकते हैं।

इसलिए इस लॉकडाउन में यदि आपको कोई भी पढ़ाई संबंधित समस्या है तो गूगल से पूछे। गूगल पर लाखों  समस्या का समाधान लिखा हुआ है। उसे आप अपने ज्ञान बढ़ाने में उपयोग करें।

3. ऑनलाइन कोचिंग पढ़ें

पिछले कई सालों से ऑनलाइन का महत्व काफी  बढ़ गया है। हम अपना काफी काम ऑनलाइन ही करते हैं। चाहेे जोमैटो से  खाना मंगवाना हो या फिर अमेजन फ्लिपकार्ट से सामान मंगाना हो, बिजली बिल भरना हो या मोबाइल रिचार्ज करना हो, सब कुछ ऑनलाइन हो रहा है।

इस लॉकडाउन में हम ऑनलाइन पढ़ाई भी कर सकते हैं। बहुत से ऐसे वेबसाइट है जो हमें फ्री में या मामूली फीस लेकर अच्छा पढ़ाई कराते है। आपके आसपास भी कई ऐसे कोचिंग होंगे जो ऑनलाइन पढ़ाई करते हैं। आप उसकी सेवा जरूर ले।

4. मोबाइल ऐप का उपयोग करें

भारत में बहुत सारे ऐसे   मोबाइल ऐप हैं जो आपके बच्चों को पढ़ा सकता है। इस कोचिंग में टॉप क्लास के शिक्षक होते हैं। वह शिक्षक जो आईआईटी और नीट परीक्षा पास किए रहते हैं।

आप कुछ पैसे देकर इसमें अपने बच्चों का एडमिशन करवा सकते हैं। आपको 24 घंटे में से कभी भी जब आपके बच्चे को समय मिले तब मोबाइल से घर बैठे पढ़ाई कर सकते हैं।

बाईजू, अनअकैडमी, वेदांता, उत्कर्ष जैसे कई  मोबाइल ऐप है जो बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाते हैं। एक बात का ध्यान रखें मैं किसी भी मोबाइल ऐप का प्रचार नहीं कर रहा हूं और ना ही मेरा किसी से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध है। मैं केवल आपको सलाह दे रहा हूं। आपको जिसमें अच्छा लगे  उसमें बच्चे का एडमिशन ले सकते हैं।

5. पीडीएफ फाइल का प्रयोग करें

बड़ी क्लास के बच्चे को यह समस्या का सामना करना पड़ता है कि वह किसी भी चैप्टर को पढ़ तो लेते हैं लेकिन उसका प्रश्न उत्तर नहीं लिख पाते। इस लॉकडाउन में उन्हें कोई बताता नहीं कि वह किस प्रकार प्रश्न उत्तर लिखें।

वह अपने मन से लिख भी लेते हैं उन्हें पता नहीं चलता यह उत्तर कितना सही या कितना गलत है। इस समस्या को दूर करने के लिए गूगल पर कई पीडीएफ फाइल मौजूद है। किसी भी क्लास, किसी भी विषय के किसी भी चैप्टर का प्रश्न उत्तर पीडीएफ फाइल में डाउनलोड कर सकते हैं।

आप इस प्रश्न उत्तर को पढ़कर, समझ कर याद कर ले। इस पीडीएफ फाइल में शॉर्ट, मीडियम तथा लोंग सभी प्रश्न उत्तर लिखे रहते हैं। आप उससे अच्छी तरह पढ़ कर समझ सकते हैं।

6. फोन से पड़ोसी का मदद ले

जैसा कि आपको पता है कि कोरोना महामारी के समय कोई भी किसी से मिलना जुलना पसंद नहीं करता तो इस समय में किसी से मदद मांगने का सबसे अच्छा तरीका आपका मोबाइल फोन है।

आप पता लगाएं कि आपके मोहल्ले में कोई लड़का जो आपसे 1-2 क्लास आगे पढ़ रहा हो।  फिर कोई ऐसा व्यक्ति जो पढ़ाई लिखाई में होशियार है। आप उसका नंबर लेकर उससे फोन पर बात करें।

आपको जानता है तो वह आपको मना नहीं कर सकता। आप उनसे मदद ले। उनसे पूछे कोई कंफ्यूजन हो, किसी विषय में उस से राय ले सकते हैं।

7. अपने क्लास के दोस्तों से संपर्क में रहें

यह सबसे अंतिम और सबसे अच्छा उपाय है। दोस्त ही वह व्यक्ति होता है जिससे  कुछ भी मांग सकते हैं। ना इसमें शर्म आती हैं और ना ही वह मना करता है।

इसलिए अपने क्लास के दोस्तों का एक ग्रुप बनाकर रखें।किसी भी विषय पर आपस में ऑनलाइन चैट करें। किसी समस्या को यदि 4-5 दोस्त मिलकर सुलझाएंगे तो वह बहुत आसानी से सुलझ जाएगा और समझ में भी आ जाएगा।

अपने क्लास के दोस्तों का एक  व्हाट्सएप ग्रुप बना ले। सभी दोस्त इसमें प्रश्न उत्तर या पढ़ाई संबंधी अच्छी अच्छी बातें शेयर करें। इस मुसीबत की घड़ी में एक दोस्त दूसरे दोस्त का काम आता है।

इस प्रकार आप दोस्तों का मदद लेकर और उसे मदद करके स्कूल बंद होने के बावजूद पढ़ाई कर सकते हैं। कहा गया है

Something is better than Nothing

 कुछ भी नहीं से कुछ होना अच्छा है।

जाते जाते

 नशा मेहनत का करो

ताकि आपको बीमारी भी सक्सेस वाली ही लगे

सपने आपके हैं  तो पूरा भी आपको ही करने होंगे

 ना हीं हालात आपके हिसाब से होंगे और ना ही लोग  

दोस्तों, अब भले ही भारत ने कोरोना महामारी पर लगभग विजय प्राप्त कर ली हैं। लेकिन यह लॉकडाउन हमें भविष्य का रूप दिखा दिया है।

आगे भी कई कंपनी, स्कूल, शिक्षण संस्थान अपने आपको ऑनलाइन के रूप में ढ़ाल रहा है। वर्क एट होम एक आम नियम बनता जा रहा है। इसलिए हमें हर बुरे स्थिति से कुछ ना कुछ सीखना चाहिए।

धन्यवाद

 

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